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B.A. FIRST YEAR ( POLITICAL SCIENCE ) IGNOU BPSC- 131 राजनीतिक सिद्धांत का परिचय CHAPTER- 7/ लोकतंत्र DEMOCRACY


लोकतंत्र का अर्थ

लोकतंत्र शब्द  ग्रीक शब्द DEMOCRACY का रूपांतरण है 

DEMO का अर्थ होता है जनता 

CRACY शासन करना

अर्थात् जनता के द्वारा किया जाने वाला शासन ऐसी शासन व्यवस्था जिसमें 

शासन की बागडोर प्रजा या उसके प्रतिनिधियों के हाथ में हो 

जिसे प्रजातंत्र के नाम से भी जाना जाता है


परिभाषाएं

प्रोफेसर सीले के अनुसार “प्रजातंत्र उस सरकार को कहते हैं जिसमें प्रत्येक 

व्यक्ति भाग लेता है” 

अब्राहिम लिंकन के अनुसार “लोकतंत्र जनता की, जनता के लिए, जनता के 

द्वारा शासन है”

डायसी के अनुसार “शासन का वह रूप जिसमें शासक वर्ग संपूर्ण राष्ट्र की 

अपेक्षाकृत अधिकांश लोग होते है”


लोकतंत्र की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

आधुनिक विश्व में लोकतंत्र का रूप प्राचीन लोकतंत्र से अलग था 

यह प्राचीन यूनान में लगभग 2500 वर्ष पूर्व प्रचलित था 

एथेंस यूनान का वह शहर है जहां लोकतंत्र सबसे स्थिर, कठोर एवं 

आदर्श के रूप में माना जाता था

फ्रांस में लोकतंत्र का आरंभ 1789 की क्रांति से हुआ

FRENCH DECLARATION OF THE RIGHTS OF MAN 1789 

व अमेरिकन डिक्लेरेशन ऑफ इंडिपेंडेंस 1776 ने आधुनिक विश्व में लोकतंत्र को 

मजबूत करने वाले विचारों एवं सिद्धांतों को व्यक्त किया

ब्रिटेन सबसे आधुनिक लोकतंत्र है

1929 से पहले महिलाओं को मतदान का अधिकार नहीं था 

1948 में एक व्यक्ति एक वोट के सिद्धांत के समर्थन के साथ सार्वभौमिक 

मताधिकार लागू किया गया


लोकतंत्र की प्रकृति

लोकतांत्रिक व्यवस्था समानता के अधिकार पर आधारित होती है 

लोकतंत्र नागरिकों को मौलिक अधिकार प्रदान करता है 

नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए स्वतंत्र 

न्यायपालिका की व्यवस्था होती है 

प्रत्येक नवयुवक एवं नवयुवती को 18 वर्ष की आयु के पश्चात मत 

देने का अधिकार होता है

सभी निर्णय बहुमत द्वारा किए जाते हैं 

उदारवादी लोकतंत्र के लिए स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनावों की व्यवस्था होती है 

समाचार पत्रों को सरकार की नीतियों के बारे में अपनी राय प्रकट करने की छूट होती है 

लोकतंत्र के अंतर्गत जनता को सत्ता का अंतिम स्रोत माना जाता है क्योंकि जनता ही 

अपने वोटो द्वारा यह निर्णय लेती है कि कौन सा दल सरकार बनाएगा 

आधुनिक युग में सबसे लोकप्रिय एवं स्थायित्व वाली राजनीतिक व्यवस्था लोकतंत्र ही है


लोकतंत्र के प्रकारलोकतंत्र के अनेक प्रकार हैं जैसे 

1- प्रतिनिधिक लोकतंत्र 

2- सहभागिता पूर्ण लोकतंत्र 

3- मंत्रणात्मक लोकतंत्र 

4- सामाजिक लोकतंत्र 

5- सार्वभौम  लोकतंत्र


प्रतिनिधिक लोकतंत्र 

जटिल समाजों में प्रत्यक्ष लोकतंत्र का होना 

संभव नहीं है अतः चुनावों की प्रक्रिया द्वारा लोग समूह में से नेता 

चुनते हैं जो उनके मनोरथ को पूर्ण करें 

प्रतिनिधियों के मत व हित निर्वाचको के मतों तथा हितों से अलग 

नहीं हो सकते


सहभागितापूर्ण लोकतंत्र

राजनैतिक निर्णय प्रत्येक नागरिक की 

व्यक्तिक भागीदारी पर निर्भर करते हैं क्योंकि सभी एक दूसरे पर 

समान रूप से निर्भर है 

निजी हितों की रक्षा करने तथा अच्छी सरकार की रचना करने के लिए 

भागीदारी एक साधन के रूप में अत्यंत महत्वपूर्ण है


मंत्रणात्मक लोकतंत्र

इस लोकतंत्र के अंतर्गत सार्वजनिक महत्व के 

मुद्दों पर मुक्त तथा सार्वजनिक विचार विमर्श को महत्व दिया 

जाता है नागरिक सार्वजनिक मुद्दों के विषय पर मंत्रणा में शामिल 

होते हैं


सामाजिक लोकतंत्र 

यह समानता के प्रत्येक दृढ़ प्रतिज्ञ पर आधारित है 

सामाजिक लोकतंत्रवादियों का मानना है की सभी व्यक्तियों को समाज के 

संसाधनों का एक उचित भाग मिलना चाहिए जिससे वे अपने जीवन की निजी 

योजनाओं को कार्य रूप दे सकें यह मूल रूप से समानता की परिस्थितियां पैदा 

करने में रुचि रखता है जिससे सभी नागरिक अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का 

उपयोग एक समान सीमा तक कर सकें


सार्वभौम लोकतंत्र

 यह एक ऐसा विचार है जो राजनीतिक 

सिद्धांतवादियों द्वारा भूमंडलीकरण के प्रयोग में विकसित किया गया 

आर्थिक व सांस्कृतिक भूमंडलीकरण के विकास के साथ यह माना जाता 

है कि लोकतंत्र को राष्ट्रीय राज्य की सीमाओं से परे 

इन चुनौतियों का भी जवाब देना होगा

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