प्रिय विद्यार्थियों आज के इस ब्लॉग आर्टिकल में हम जानेंगेUnit-1(Lesson-3) वित्तीय योजना और बजट बनाना-Introduction To financial Literacy in hindi यदि आप आर्टिकल से सम्बंधित Video देखना चाहते है तो हमारे Eklavya स्नातक Youtube चैनल पर जाकर हिंदी और इंग्लिश दोनों माध्यम में देख सकते है।
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जरुरत और
चाहत ( Needs and Wants )
1. जरुरत
- मनुष्य को स्वस्थ रहने के लिए और जीवन जीने के लिए जो भी चीज आवश्यक हो उसे हम जरूरत कहते हैं।
- आर्थिक सिद्धांत के अनुसार जरूरत पूरी हो सकती है लेकिन इच्छाएं कभी पूरी नहीं होती क्योंकि इच्छाओं का कोई अंत नहीं होता
2. चाहत
- चाहत वह चीज होती है जो व्यक्ति खरीदना चाहता है और उसे वह चीज बहुत ज्यादा पसंद है लेकिन इसके बिना भी वह आराम से रह सकता है उसे चाहत कहते हैं।
- खाने के लिए भोजन, रहने के लिए घर, और पहनने के लिए कपड़े यह सभी चीजें उन लोगों की आवश्यकता की चीजें होती है
वित्तीय योजना ( Financial
Planning )
- वित्तीय योजना बनाना हमारे भविष्य के लिए बहुत
ज्यादा जरूरी होता है
- वित्तीय योजना में हम पूंजी जुटाने और उसको
निवेश करने के साथ- साथ उसका प्रबंधन करने की भी रणनीति बनाते हैं
- वित्तीय योजना बनाकर हम अपने उद्देश्य और लक्ष्य
को प्राप्त कर सकते हैं
- अगर आपका किसी प्रकार का कोई भी वित्तीय लक्ष्य
है जिसे आप प्राप्त करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको एक वित्तीय योजना बनाना
बहुत ज्यादा जरूरी है
- किसी प्रकार की अप्रत्याशित ( unpredictable ) जरूरत को पूरा करने के लिए भी वित्तीय योजना में
आकस्मिक कोष बनाया जाता है जो आपकी मदद करेगा
वित्तीय योजना के लिए लक्ष्य ( Goals for
Financial Planning )
- असल जिंदगी में जब हम एक स्थान से दूसरे स्थान
पर जाते हैं तो उसके लिए हमें यह पता होना चाहिए कि हमारा लक्ष्य क्या होता
है उसके बाद ही हम उस स्थान पर पहुंच पाएंगे बिल्कुल उसी तरह।
- जब आप जीवन की यात्रा से गुजरते हैं तो एक
वित्तीय योजना एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करती है।
- यह आपको अपनी आय, व्यय और निवेश को नियंत्रित करने में मदद करता
है ताकि आप अपने पैसे का प्रबंधन कर सकें और अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर
सकें।
- इसमें बचत करना, खर्च करना, कमाई करना या निवेश करना भी शामिल हो सकता है।
- जब आपके पास अपने लक्ष्य की स्पष्ट तस्वीर होती
है, तो
अपने लक्ष्य की दिशा में काम करना आसान होता है।
वित्तीय योजना का महत्व और आवश्यकता ( The
Importance and Need of Financial Planning )
- किसी के जीवन के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए
वित्तीय योजना एक दृष्टिकोण है।
- जब आप जीवन की यात्रा से गुजरते हैं तो एक
वित्तीय योजना एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करती है।
- वित्तीय नियोजन विकास और विस्तार रणनीतियों के
विकास को सक्षम बनाता है जो की दीर्घकालिक व्यवहार्यता का समर्थन करता है।
- यह आपकी आय, व्यय और निवेश को नियंत्रित करने में आपकी मदद
करता है ताकि आप अपने पैसे का प्रबंधन कर सकें और अपने लक्ष्यों को प्राप्त
कर सकें।
व्यक्तिगत वित्तीय योजना (Individual
Financial Planning)
- व्यक्तिगत वित्तीय नियोजन आराम से रहने, वित्तीय सुरक्षा और लक्ष्यों को प्राप्त करने के
लिए पैसे खर्च करने, बचाने और निवेश करने की व्यवस्था कर रहा है।
- हर किसी के अलग- अलग वित्तीय लक्ष्य होते हैं
- लक्ष्य वे चीजें हैं जिन्हें आप पूरा करना चाहते
हैं।
- उदाहरण के लिए, कॉलेज की शिक्षा प्राप्त करना, कार खरीदना और व्यवसाय शुरू करना लक्ष्य हैं।
- यह आपकी आय, व्यय और निवेश को नियंत्रित करने में आपकी मदद
करता है ताकि आप अपने पैसे का प्रबंधन कर सकें और अपने लक्ष्यों को प्राप्त
कर सकें।
विभिन्न
प्रकार के बजट ( Different Types Of Budgets )
1. व्यक्तिगत बजट:-
- व्यक्तिगत बजट या घरेलू बजट किसी व्यक्ति या घर
के संसाधनों (आय और व्यय) को संतुलित करने की रणनीति है। बजट होने से लोगों को अपने वित्त
पर अधिक नियंत्रण महसूस करने में मदद मिल सकती है और उनके लिए अधिक खर्च न
करना और पैसे बचाना आसान हो जाता है
- एक व्यक्तिगत बजट एक व्यक्ति द्वारा अपने घर के
खर्चों को चलाने के लिए बनाया जाता है यह एक ऐसी योजना है जिसमें व्यक्ति
अपने आय और व्यय को संतुलित कर सकता है।
- 50/30/20 बजट - 50/30/20 बजट एक रणनीति है
- ( आवश्यकताएं" "चाहत " और बचत। )
- शुद्ध आय का 50% आवश्यक, आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आवंटित किया
जाता है, 30% चाहत
के लिए और 20% बचाने के लिए।
- जो व्यक्तिगत व्यय को तीन श्रेणियों में विभाजित
करती है:
2. पारिवारिक बजट ( Family
Budget )
- पारिवारिक बजट बनाना, आपके परिवार के लिए एक अच्छी योजना है इससे आप आय और व्यय पर ध्यान केंद्रित कर सकते हो और अपने खर्चे को पहचान सकते हो आपका पैसा कहां और कैसे आता है और कैसे खर्च होता है उन सभी को ट्रैक करना बहुत ज्यादा जरूरी है यह आपके परिवार के लक्ष्यों और मूल्यों को भी दर्शाता है कि आप कैसे खर्च करते हैं और बचत करते हैं।
- पैसे बचाने, कर्ज से बचने, योजना बनाने और पैसे के बारे में संवाद करने में मदद करता है। परिवारों को अपने धन का अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने और अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकता है।
आवश्यक बजट श्रेणियां
1. आवास
2.यातायात
3. खाना
4. बीमा
5.चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा
6. बचत, निवेश और ऋण भुगतान
7. व्यक्तिगत खर्च।
3. व्यापार बजट ( Business
budget )
- व्यवसाय बजट आपकी आय और व्यय के आधार पर आपके व्यवसाय के लिए खर्च करने की योजना है।आपके खर्च का अनुमान लगाता है और राजस्व का अनुमान लगाने में आपकी मदद करता है।
- एक बजट आपको अपनी व्यावसायिक गतिविधियों की योजना बनाने में मदद कर सकता है और वित्तीय लक्ष्य को प्राप्त करने में आपकी मदद करता है।
- बजट के बिना एक कंपनी प्रतिस्पर्धा को बनाए रखने के लिए अधिक खर्च करने, कम खर्च करने, या आपात स्थिति के लिए कम बचत करने का जोखिम उठाती है।
इन छह सुझावों का उपयोग करके एक अच्छा लघु व्यवसाय
बजट बनाया जा सकता है:
1- एक स्प्रेडशीट बनाएं
2- ख़र्चों में कटौती करें
3- कंपनी का लगातार मूल्यांकन करें
4- कच्चा सामान मंगाने के लिए किया गया व्यय
4. राष्ट्रीय बजट ( National
budget )
- देश के लिए केंद्र सरकार द्वारा तैयार किया गया
बजट। देश का बजट उसका राष्ट्रीय बजट होता है।
- सरकार सामाजिक कार्यक्रमों के लिए करों और
शुल्कों के माध्यम से एकत्रित धन का उपयोग करती है
- यह वित्तीय वर्ष हर साल 1 अप्रैल से शुरू होकर अगले साल 31 मार्च को समाप्त होता है।
राष्ट्रीय
बजट के लिए कदम:-
- सभी मंत्रालयों को सर्कुलर भेज दिया गया है
- योजनाओं पर विचार-विमर्श किया
- आय का वितरण
- बजट पूर्व सम्मेलन
- बजट की छपाई और दस्तावेज़ पूरा करना
- बजट की प्रस्तुति
बजट घाटा और बजट अधिशेष
1. बजट घाटा
- बजटीय घाटा उस स्थिति को कहा जाता है जिसमें व्यय आय से अधिक होता है।
-
यह ज्यादातर सरकारों के लिए उपयोग किया जाता है, यह मोटे तौर पर व्यक्तियों और व्यवसायों पर भी लागू किया जा
सकता है।
- आपने unicorn कंपनी के बारे में सुना होगा बहुत सारी ऐसी कंपनियां है जिनका प्रॉफिट बिल्कुल जीरो है और उनका खर्च बहुत ज्यादा है जिसकी वजह से वह लॉस में चल रहे हैं
2. बजट अधिशेष ( Budget
surplus )
- एक बजट अधिशेष तब होता है जब सरकार की कमाई खर्च से अधिक होती है।
- बजट अधिशेष शब्द उस स्थिति को संदर्भित करता है जो तब होता है जब आय, व्यय से अधिक हो जाती है।
- सरकार के वित्त को प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा रहा है।
3. बजट घाटे का प्रभाव ( Effects of
a Budget Deficit )
- व्यक्ति, व्यवसाय और सामान्य अर्थव्यवस्था सभी बजट घाटे से प्रभावित
होते हैं
सरकार
-
सरकार Medicare या सामाजिक सुरक्षा जैसे कार्यक्रमों पर खर्च कम कर सकती है
क्योंकि यह घाटे को कम करने के लिए काम करती है।
- infrastructure संभावित रूप से प्रभावित हो सकते हैं राजस्व बढ़ाने के लिए उच्च आय या बड़े
व्यवसायों के लिए कर वृद्धि लागू की जा सकती है। साल-दर
साल, बजट घाटे का परिणाम inflation
4. राजकोषीय घाटा :-
- राजकोषीय घाटा = सरकार का कुल
व्यय (पूंजी और राजस्व व्यय) - सरकार की कुल आय (राजस्व प्राप्ति + ऋणों की वसूली
+ अन्य प्राप्तियाँ)
- यदि सरकार का कुल व्यय वित्तीय वर्ष में उसकी कुल राजस्व और गैर-राजस्व प्राप्तियों से अधिक है, तो वह अंतर वित्तीय वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा है।
वित्तीय घाटे के वित्तपोषण के स्रोत :
राजकोषीय घाटे को कवर करने के लिए सरकार को कई विकल्पों पर
विचार करना चाहिए।
दो प्राथमिक स्रोत हैं:
1. उधार:
- राजकोषीय घाटे को कवर करने के लिए, या तो आंतरिक (सार्वजनिक, वाणिज्यिक बैंकों, आदि से) या बाहरी स्रोतों (विदेशी सरकारों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों आदि) का उपयोग किया जा सकता है।
2. नए पैसे की छपाई :
- सरकार अपनी प्रतिभूतियों को collateral के रूप में उपयोग करके आरबीआई से धन उधार ले सकती है। इस उपयोग के लिए आरबीआई नया पैसा बनाता है
राजस्व घाटा (Revenue Deficit)
- राजस्व घाटा तब उत्पन्न होता है जब सरकार का
राजस्व व्यय कुल राजस्व प्राप्तियों से अधिक होता है।
- राजस्व घाटे में वे लेनदेन शामिल हैं जो सरकार
की वर्तमान आय और व्यय पर सीधा प्रभाव डालते हैं।
- यह दर्शाता है कि सरकार की खुद की कमाई अपने
विभागों के दिन-प्रतिदिन के कार्यों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है।
- विभिन्न सरकारी विभागों और सेवाओं पर खर्च, ऋण पर ब्याज की अदायगी और सब्सिडियों पर होने
वाले व्यय को राजस्व व्यय कहते हैं
- सरकार द्वारा वसूले गए सभी प्रकार के कर और
शुल्क, निवेशों
पर प्राप्त ब्याज और लाभांश तथा विभिन्न सेवाओं के बदले प्राप्त रकम को
राजस्व प्राप्ति या राजस्व (अंग्रेजी में: Revenue) कहा जाता है।
उपयुक्त
उपाय ( Suitable
Measures )
- सरकार अपना कर बढ़ाने का विकल्प चुन सकती है
- फालतू और अप्रभावी खर्च की पहचान करके सरकार को
लागत में कटौती करनी चाहिए।
- आयकर की दरें बढ़ सकती हैं, जिससे घाटे को कम करने में मदद मिलेगी।
- आयात, सीमा शुल्क, राजमार्ग, भोजन आदि जैसे क्षेत्रों में नए कर लगा
सकती है
- सरकार अपनी कुछ होल्डिंग्स को बेचने का विकल्प
चुन सकती है।
- ग्रामीण भारत में कुछ लोगों के पास मोबाइल
इंटरनेट तक पहुंच है, इसलिए वे वित्तीय सेवाएं प्राप्त करने के लिए fintech services का उपयोग कर सकते हैं