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B.A. FIRST YEAR ( POLITICAL SCIENCE ) IGNOU BPSC- 131 राजनीतिक सिद्धांत का परिचय CHAPTER- 12 / स्वतंत्रता और बाध्यीकरण


बाध्यीकरण 

बाध्य होने का अर्थ है कर्तव्य बध होना स्वयं को किसी कर्तव्य से बांधने 

की क्रिया बाध्यीकरण है 

अर्थात कुछ सीमाओं एवं मर्यादाओं में रहकर काम करना 

बाध्यीकरण का तात्पर्य एक समाज के भीतर परिचालित सूचना और विचारों के 

नियंत्रण से है


बाध्यीकरण की संकल्पना

खुद को किसी कर्तव्य से बांधना

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की उचित सीमाओं में रहना

एक प्राधिकरण-  जो व्यक्तियो के ऊपर हो


वैधीकरण 

वैधीकरण को अंग्रेजी में लीगलाइजेशन कहते हैं जिसका अर्थ है 

विधि संगत वह है, जो न्यायसंगत है अर्थात कानूनों में स्थापित नियमों एवं 

मानदंडों के अनुसार जो विधि संगत नहीं है वह वैध नहीं है 

वैधीकरण का अर्थ है वैध बनाना इसके द्वारा किसी कार्य को वैध माना जाता है 

ना सिर्फ समाज में सत्ता संबंधों के प्रति बल्कि उसकी आर्थिक, सामाजिक, 

नैतिक, एवं वैचारिक पद्धतियों के प्रति भी


वैधीकरण की संकल्पना

राज्य की गतिविधियों के वैधीकृत प्रतिमान

उस समाज की मूल्य पद्धतियां जिसे राज्य नियंत्रण, लागू करता है

वैधीकरण ही सरकार द्वारा शासन करवाता है तथा यह शासकों 

एवं शासितों के बीच तथा राज्य एवं जन समाज के बीच वह 

बिंदु है जिस पर यह दोनों मिलते हैं


स्वतंत्रता और बाध्यीकरण 

किसी सूचना या विचार को बोल कर, लिख कर ,या किसी अन्य रूप में बिना 

किसी रोक-टोक के अभिव्यक्त करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कहलाता है 

किंतु समकालीन विश्व में दूसरों को नुकसान पहुंचाने से रोकने के लिए बोलने 

की स्वतंत्रता पर सीमाएं या मानदंड तय करना बाध्यीकरण कहलाता है


राज्य को वैधिकरण की आवश्यकता

यदि राज्य सत्ता वैध नहीं होगी तो राज्य के आदेशों को लागू करने के लिए बल का 

प्रयोग करना पड़ेगा   लोकतांत्रिक समाज में राज्य सत्ता तभी वेद मानी जाती है 

जब व्यक्तियों पर शासन करने की शक्ति लोक बहुमत द्वारा लोगों को ही प्रदत हो 

और तभी वह समाज में वर्णित सिद्धांतों के अनुसार प्रयोग की जाती है


राज्य का कर्तव्य है कि 

  • देश की सुरक्षा के उपाय करें 
  • तथा नागरिकों के हितों को पूरा करें 
  • राज्य सामाजिक शांति कायम करने तथा सामाजिक 
  • व्यवस्था की रक्षा करने की काम करे 
  • नागरिकों के प्रति सभी दायित्वों को पूरा करें


हम सरकार की आज्ञा पालन क्यों करते हैं

  • हम मानते हैं कि कानून जारी करने वाली सरकार वैध सरकार है 
  • कानूनों का पालन नागरिक का कर्तव्य है 
  • लोकतांत्रिक तरीके से जनता सरकार का चयन करती है इसलिए सरकार के 
  • नियम और कानूनों का पालन जनता स्वेच्छा से भी करती है
  • आज्ञा पालन को धर्म से भी जोड़कर देखा जाता है प्राचीन काल में राजा की आज्ञा 
  • का पालन प्रजा करती थी जो नैतिक रूप से आज भी स्वीकार की जाती है

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